होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए जिससे आर्थिक संकट समाप्त होकर कर्ज मुक्ति मिलती है।
दोनों की पूजा का अपना महत्व है। ऐसा करने से जीवन में यदि कोई संकट चल रहा हो तो वह दूर हो जाता है।
होलाष्टक के दौरान श्रीकृष्ण की पूरे समय उपासना की सकते हैं। लड्डू गोपाल का पूजन कर संतान गोपाल मंत्र का जाप करें।
आप व्रत, दान-पुण्य भी कर सकते हैं। होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत और दिए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
रोग से बचने के लिए योग्य वैदिक ब्राह्मण द्वारा शिव पूवा और महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान शुरू करवाएं, बाद में हवन करें।
विजय प्राप्त करने के लिए आदित्यहृदय स्त्रोत, सुंदरकांड का पाठ या बगलामुखी मंत्र का जाप करें।
परिवार की समृद्धि के लिए रामरक्षास्तोत्र, हनुमान चालीसा व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। घर में सुख-शांति का वास रहेगा।