वैदिक शास्त्रों के अनुसार, एक निश्चित समय अंतराल के बाद ग्रहों के राशि में लगातार बदलाव होता रहता है। इस बदलाव को हम राशि परिवर्तन या गोचर कहते हैं।
वहीं, यदि दो ग्रह एक साथ आ जाए तो उसे हम युति कहते हैं और राजयोग का निर्माण होता है, ऐसे ही मन के कारक चंद्रमा के वृषभ राशि में आने से गजकेसरी योग बनेगा।
कल सुबह 10 बजे 43 मिनट से चंद्रमा का गोचर वृषभ राशि में हुआ है और देव गुरु बृहस्पति पहले से ही मेष राशि में विराजमान है।
वृषभ राशि में जाते ही गजकेसरी योग भंग हो जाएगा। आज गजकेसरी योग के निर्माण के समय रवि योग, शुभ योग और अश्विनी नक्षत्र में है।
गजकेसरी योग का बनना मेष राशि वालों के लिए शुभ साबित हो सकता है। समय समय पर आकस्मिक धन की प्राप्ति होने की उम्मीद है।
मिथुन राशि वालों के लिए गजकेसरी योग का निर्माण हो सकता है। आय में वृद्धि के साथ नए स्रोत भी बनने की संभावना है। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।
कर्क राशि वालों के लिए भी यह युति काफी लाभदायक हो सकता है। संतान से संबंधित कोई भी शुभ समाचार मिल सकता है। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।