हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक गरुड़ पुराण को माना जाता है। व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु से जुड़े कई रोचक सवालों के जवाब इस पुराण में दिए गए हैं।
आपने भी सुना होगा कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है। गरुड़ पुराण में इसके पीछे का कारण विस्तार से बताया गया है।
हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति में शव को घर में ही रखा जाता है।
सूर्यास्त के बाद किसी का निधन हुआ है तो उसके शव को पूरी रात निवास स्थान पर ही रखा जाएगा। इतना ही नहीं, परिवार के सदस्य शव के पास ही बैठे रहेंगे।
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा 13 दिनों तक अपने घर परिवार के लोगों के पास भटकती है। जब आत्मा को शव के पास परिवार के लोग बैठे नजर आते हैं तो उसे शांति मिलती है।
पहले जंगली जानवर मृत व्यक्ति के शव पर हमला कर देते थे। वहीं, आज के समय में शव को अकेला छोड़ने पर कुत्ता और बिल्ली नोच सकते हैं।
रात के समय शव को अकेला छोड़ने पर कोई दुसरी दुरात्मा उसमें प्रवेश कर जाती है। इस वजह से मृत्यु के बाद व्यक्ति के शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है।
इस लेख में दी गई तमाम जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नईदुनिया की तरफ से इसके जरिए कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
यहां हमने जाना कि मृत व्यक्ति के शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ