घटोत्कक्ष जन्म से ही बेहद बलशाली थे। आइए जानते है कौरवों की सेना को अकेले धूल चटा देने वाले घटोत्कक्ष कौन थे?
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक घटोत्कच भीम और हिडिम्बा का पुत्र था। घटोत्कक्ष का विवाह मौर्वी से हुआ था। मौर्वी को बर्बरीक नाम का बालक भी हुआ था। बर्बरीक को खाटू श्याम भी कहे थे।
घटोत्कक्ष का जन्म राक्षस कुल में हुआ था। घटोत्कक्ष की पत्नी हिडिंबा राक्षस कुल से संबंध रखती थी, वहीं भीम क्षत्रिय वंश के थे। र्बरीक, अंजनपर्व और मेघवर्ण घटोत्कक्ष के तीन पुत्र थे।
महाभारत के युद्ध में जब रात के समय में कौरवों ने पांडवों पर हमला किया था, तो भीम ने घटोत्कक्ष को बुलाया था। घटोत्कक्ष का रात के समय युद्ध में मुकाबला कर पाना काफी कठिन था।
घटोतक्क्ष ने महाभारत के युद्ध में रात्रि के समय में भयंकर तबाही मचाई थी। युद्ध के दौरान, घटोत्कक्ष ने दुर्योधन और कर्ण जैसे योद्धाओं का डटकर सामना किया था।
घटोत्कक्ष राक्षस वण का था, ऐसे में उसके लिए रात के समय युद्ध करना काफी ज्यादा आसान था। युद्ध के दौरान, घटोत्कक्ष ने कर्ण को भी घुटनों पर ला दिया था। घटोत्कक्ष पर बड़े-बड़े अस्त्रों का असर भी नहीं हो रहा था।
घटोत्कक्ष तेजी से कौरवों की सेना का नाश कर रहे थे। ऐसे में दुर्योधन ने कर्ण से मांग की कि वो अपना दिव्य अस्त्र का उपयोग करें। कर्ण को इंद्रदेव ने वरदान दिया था कि वो जिसका भी नाम लेकर तीर छोड़ेंगे उसका तुरंत वध हो जाएगा।
कर्ण ने घटोत्कक्ष का नाम लेकर बाण चलाया और तुरंत ही उसकी मृत्यु हो गई। घटोत्कक्ष की मृत्यु के पश्चात भीम बुरी तरीके से टूट गए थे।