घर में कपूर जलाने से शुद्ध हवा अंदर आती है। इसे जलाने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। इसके धुएं से नकारात्मक शक्तियां दूर होती है।
पीतल के दीपक में कपूर जलाने से पूजा दोषहीन पूर्ण हो जाती है। ऊर्जा फल भी व्यक्ति और उसके परिवार को उसी मुताबिक प्राप्त होता है।
गृहस्थ लोगों की पूजा सात्विक कहलाती है। ऐसे में गृहस्थ लोगों को हमेशा कपूर पीतल के दीपक या बर्तन में जलाना चाहिए। यह शुभ होता है।
शास्त्रों के मुताबिक कपूर को भूल से भी मिट्टी के दीपक में नहीं जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यह तांत्रिक पूजा में शामिल होता है।
कपूर को कभी भी सुबह की पूजा के दौरान न जलाएं। सुबह की पूजा के समय केवल घी के दीपक ही शुभ माना जाता है।
कपूर को कभी भी सुबह की पूजा के दौरान न जलाएं। सुबह की पूजा के समय केवल घी के दीपक ही शुभ माना जाता है।
शास्त्रों में यह बताया गया है कि कपूर को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ही जलाना चाहिए। यह समय उत्तम और शुभकारी माना जाता है।
कपूर को आप संध्या यानी शाम के समय में जला सकते हैं। जब आपके घर में सांयकाल को पूजन हो रहा हो तो इसे जरूर जलाएं।
यहां दी गई जानकारी की हम पुष्टि नहीं करते हैं। यह केवल सामान्य जानकारी के लिए बताया गया है। कुछ करने से पहले एक बार ज्योतिष से संपर्क अवश्य करें।