रिश्तों का हर धर्म में महत्व होता है। आज हम जानेंगे की मधुर और कड़वे रिश्ते होने के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार होते है और इससे जुड़े उपायों के बारे में।
सूर्य का संबंध पिता से होता है। पिता से दुर्व्यवहार करने से व्यक्ति तनाव, आर्थिक संकट और बीमारियों का शिकार हो जाता है। ऐसे में पिता से रिश्ते सुधारने के लिए सूर्य को सुबह में जल अर्पित करें।
चंद्रमा का संबंध मां से होता है। ऐसे में अगर आप मां को परेशान या प्रताड़ित करते है तो आपका चंद्रमा कमजोर होता और आपकी बाढ़ विकास रुक जाती है। मां के साथ अच्छे रिश्ते के लिए भगवान शिव की आराधना करें।
मंगल ग्रह का संबंध आपके छोटे भाई, ससुराल वाले और चाचा ताऊ से होता है। भाई-बहन के अच्छे रिश्तों के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
बुध ग्रह आपके ननिहाल पक्ष और विरोधियों के रिश्तों को निर्धारित करते है। वही गुरु और शुक्र का संबंध दोस्त और जीवन साथी से होता है। बुधवार वाले दिन गाय को चारा खिलाने से ये रिश्ते फलते फूलते है।
शनि ग्रह को न्याय का देवता भी माना जाता है। कुंडली में इस ग्रह के मजबूत होने से पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते मजबूत बनते हैं। वही राहु-केतु दादा नाना से रिश्ता के लिए जिम्मेदार होते है।
बृहस्पति और शुक्र का संबंध संतान पक्ष के रिश्तों और दांपत्य जीवन के रिश्तों से होता है। साथ ही, किसी भी रिश्ते को बनाने और चलाने में मंगल और चंद्रमा की अहम भूमिका होती है।
कुंडली में स्वामी ग्रह के कमजोर होने पर ही रिश्तों में खटास पैदा होती है। मंगल और चंद्रमा ग्रह के कमजोर होने पर भी रिश्तों में दरारें आने लगती है।