देवताओं के गुरु कहे जाने वाले ग्रह बृहस्पति को एक राशि से दूसरे राशि में जाने में करीब 1 साल का समय लगता है। ऐसे में पूरे 12 महीने का समय लगता है।
बता दें कि गुरु साल में एक बार वक्री, मार्गी और उदय होते हैं। इस समय गुरु अपनी स्वराशि में विराजमान हैं। वहीं 1 मई को वह वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
इसके बाद गुरु 3 मई 2024 को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर अस्त हो जाएंगे। गुरु का अस्त होना यानी बृहस्पति का तारा डूबना कहा जाता है।
गुरु के अस्त होने पर कुछ राशियों के ऊपर सकारात्मक तो वहीं कुछ के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। आइए जानते हैं कि किन राशियों को इस समय संभलकर रहना होगा।
मेष राशि में गुरु द्वितीय भाव में जाकर अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में इसका मिला जुला असर पड़ने वाला है। 3 मई से इस राशि के जातकों को छोटे से छोटे कामों के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
मेष राशि में गुरु द्वितीय भाव में जाकर अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में इसका मिला जुला असर पड़ने वाला है। 3 मई से इस राशि के जातकों को छोटे से छोटे कामों के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
देव गुरु बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वह आपकी राशि में लग्न भाव में अस्त हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
भाग्य भाव यानी अष्टम और नवम भाव के स्वामी होने का साथ गुरु इस राशि के एकादश भाव में अस्त हो रहे हैं। गुरु के अस्त होने पर कुछ राशियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।