हनुमान चालीसा पाठ में शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा पवित्र स्थान पर करना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ विशेष मुहूर्त में करें या सुबह या शाम को करें। दोपहर में कभी हनुमान चालीसा नहीं पढ़ना चाहिए।
हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान पूजा में लाल पुष्प का इस्तेमाल करें।
हनुमान चालीसा के पाठ से पहले चमेली का तेल या घी का दीपक प्रज्वलित करें।
हनुमान चालीसा के पाठ के बाद बजरंगबली को गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित करें।
हनुमान चालीसा पाठ के दौरान एक वस्त्र पहनकर ही पाठ करें या बजरंगबली की पूजा करें।
हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाठ पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। फिर कुश के आसन पर बैठकर ही चालीसा का पाठ करें।
हनुमान चालीसा का पाठ कम से कम 3 बार करना चाहिए।
अगर बजरंगबाण या सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं, तो इन्हीं नियमों का पालन करें।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय से मुक्ति मिलती है। सारी बाधाएं दूर होती हैं।