रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ। उन्होंने टाटा ग्रुप में अपने करियर की शुरुआत 25 साल की उम्र में की।
रतन टाटा 1959 में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अमेरिका के कॉरनेल यूनिवर्सिटी गए। भारत लौटने से पहले लॉस एंजिल्स के जोन्स और इमोन्स कंपनी में नौकरी की।
रतन टाटा ने 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से प्रबंधन का कोर्स किया। 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। रतन ने देश में पहली बार पूर्ण रूप से बनी कार का उत्पादन शुरू किया। इस कार का नाम टाटा इंडिका है
टाटा ग्रुप ने एंग्लो-डच स्टीलमेकर कोरस, लैंड रोवर और जगुआर का अधिग्रहण किया। दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो बनाने की उपलब्धि रतन टाटा के नाम है।
रतन टाटा का पालन पोषण 10 साल की उम्र तक उनकी दादी लेडी नवाजबाई ने टाटा पैलेस में किया। रतन ने टाटा स्टील के प्लांट में चूना पत्थर को भट्ठियों में डालने का काम भी किया।
नमक-मसाले, चाय-कॉफी, घड़ी-ज्वेलरी, लग्जरी कार, बस, ट्रक और हवाई जहाज का कारोबार हर क्षेत्र में टाटा का कब्जा है।
रतन टाटा को लॉस एंजिल्स में प्यार हुआ था। 1962 की भारत-चीन लड़ाई के चलते उनके घरवाले लड़की के भारत आने के पक्ष में नहीं थे। इस तरह उनका रिलेशन टूट गया।