हमारे बाडी की ऊपरी त्वचा के परत पर फफोले यानी ब्लिस्टर हो जाते हैं। अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरीके से होते हैं।
त्वचा के जलने, जमने, उस पर कुछ रगड़ लग जाने या फिर किसी इन्फेक्शन की वजह से होने वाले इन फफोलों में पानी जैसा कोई द्रव भरा होता है। आमतौर पर ये फूले हुए लगते हैं।
बैंडेज से फफोले को सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे फफोले पर किसी वस्तु से घर्षण नहीं होगा। बैंडेज को इस तरह से लगाए कि चिपकने वाला हिस्सा फफोले के आसपास हो और बीच का हिस्सा फफोले से ऊपर उठा रहे।
सेब के सिरके में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इससे फफोले में इन्फेक्शन होने से रोका जा सकता है। इसे चम्मच की मदद से प्रभावित स्थान पर डालें। प्रभावित स्थान को हाईड्रोजन पेरोक्साइड से साफ कर लें।
विटामिन ई में त्वचा की मरम्मत करने वाले तत्व होते हैं। विटामिन ई त्वचा की कोशिकाओं को तुरंत ठीक करता है और निशान पड़ने से बचाता है। आप विटामिन ई ऑयल या क्रीम या फिर कैप्सूल को फोड़ कर भी लगा सकते है।
रात को सोने से पहले रूई की फाहे से थोड़ा सा अरंडी का तेल छाले पर लगाएं। रात भर के लिए उसे लगा रहने दें और सूखने दें। अरंडी के तेल में थोड़ा सा ऐप्पल साइडर विनेगर मिलाकर भी लगा सकते हैं।
ग्रीन टी के बैग्स को उबलते हुए पानी में डालें। इसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा को मिक्स करें। इसके बाद पानी को थोडा ठंडा होने दें। जब यह ठंडा हो जाए तो इस ग्रीन टी के पानी में अपने फफोले को डुबा लें।
एलोवेरा जेल से सूजन खत्म होती है और साथ ही दर्द भी कम करता है। स्टडी के अनुसार एलोवेरा सेकेंड और थर्ड डिग्री बर्न में भी एक प्रभावशाली परंपरागत दवा का काम करता है।