गुरु मंत्र का जाप करने से जीवन में रुके हुए सारे काम पूरे होने लगते हैं।
वैशाख शुक्ल सप्तमी का फायदा उठाइये और उस दिन जप भी खूब करिये गुरु मंत्र का।
सप्तमी के दिन सूर्य देव को प्रणाम करके नीम के पत्ते खाएं तो रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है।
पेट, सिर दर्द की तकलीफ रहती हो और वो कमबख्त मिट नहीं रही है।
वैशाख शुक्ल सप्तमी को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर प्रणाम करें फिर नीम के पत्ते खाएं।
मंत्र बोलकर नीम के पत्ते खाने से आरोग्य की प्राप्ति होगी तो हम दृढता से कार्य करेंगे।
संस्कृत के वैदिक-पौराणिक मंत्र बोलते हुए नियम करें तो घर में भी सुख-शांति बढ़ती है।
निम्ब पल्लव भद्रनते सुभद्रं तेस्तुवई सदा। ममापि कुरु भद्रं वै त्राशनाद रोगा: भव ।। ये बोलकर नीम के पत्ते खा लें।
रात को पलंग पर नहीं धरती पर बिस्तर, कम्बल आदि बिछाकर सोएं।
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