व्रत का धार्मिक महत्व तो हम सब जानते हैं,लेकिन आयुर्वेद में इसके वैज्ञानिक महत्व के बारे में भी बताया गया है।
रूप से देखा जाए तो व्रत अगर सही तरीके से रहा जाए तो ये हमारे शरीर को संतुलित करने का काम करता है। शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं।
आज कल की जीवन शैली ने हमारे खानपान को भी प्रभावित किया है। बाहरी खानपान या चिकनाईयुक्त भोजन दिनभर में खाते हैं। ऐसे में शरीर में फैट और विषैले तत्व जमा हो जाते हैं।
आपके शरीर को डिटाक्सीफाई करने का काम करता है। शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलने से त्वचा की भी तमाम समस्याओं से राहत मिलती है।
को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर नियंत्रण के अलावा एक्सरसाइज बहुत जरूरी मानी जाती है। सप्ताह में एक दिन के उपवास से वजन घटता नहीं तो बढ़ता भी नहीं है। वजन संतुलित रहता है
करने से हमारा पाचन तंत्र गड़बड़ाने लगता है। उपवास करने से पाचनतंत्र को आराम मिलता है और शरीर खुद का उपचार करना शुरू कर देता है।
व्रत करने से अच्छा कोलेस्टेरॉल यानी एचडीएल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्राल यानी एलडीएल को कम करने में मदद मिलती है।