हंसते-हंसते कट जाए रास्ते, जिंदगी यूं ही चलती रहे, खून भरी मांग फिल्म का यह गीत दुख की घड़ी में भी खुश रहने का संदेश देता है।
विश्व हास्य दिवस विश्व भर में मई के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस बार 7 मई को हास्य दिवस मनाया जाएगा।
लाफ्टर योग आंदोलन के संस्थापक डा. मदन कटारिया ने 10 जनवरी 1998 को मुंबई में मनाकर इसकी शुरुआत की थी।
विश्व हास्य दिवस का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से हुई।
हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं।
व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
हंसी विभिन्न समुदायों को जोड़कर नए विश्व का निर्माण कर सकते हैं। हंसी ही दुनिया को एकजुट कर सकती है।
मानव शरीर में पेट और छाती के बीच में एक झिल्ली होती है, जो हंसते समय धौंकनी का कार्य करती है।
पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है। हंसने से प्राणवायु का संचार अधिक होता है व दूषित वायु बाहर निकलती है।
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