एलोवेरा रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है, मच्छरों से त्वचा को सुरक्षित रखता है।
आंवला आंखों की रोशनी बढ़ाता है, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
अशोक गठिया के उपचार के लिए, कमर दर्द व नींद न आने की समस्या में लाभकारी है।
अश्वगंधा का हकलाने की बीमारी में सेवन करने से फायदेमंद होता है।
बच का उपयोग करने से बवासीर, अपच, पित्त दोष में राहत मिलती है।
बहेड़ा बुखार, पीलिया, हेपेटाइटिस में उपयोग किया जाता है।
बनककड़ी केे कई कमाल हैं। खांसी, बुखार, कफ व खुजली में बहुत ही उपयोगी है।
भूमि आंवला लिवर की बीमारियों में बहुत ही उपयोगी, पित्तनाशक भी है।
ब्राह्मी मजबूत याददाश्त व शरीर से विषैले पदार्थ को निकालने में उपयोगी है।
जटामानसी नेत्र रोग, मुख रोग, कंठ रोग, ह्दय रोग व घाव के उपचार में उपयोगी है।