हीमोफीलिया एक आनुवंशिक बीमारी है, जो आमतौर पर पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है। गंभीर श्रेणी का हीमोफीलिया जानलेवा हो सकता है।
हीमोफीलिया के मरीज को चोट लगाने, सर्जरी या दांत निकालने के समय निरंतर रक्त बहने से मरीज की जान भी जा सकती है। हालांकि इसका उपचार सस्ता है।
खून को जमने में मददगार फैक्टर वाली दवाई, जो पहले काफी महंगी मिलती थी, लेकिन अब यह दवा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क मिलने लगी है।
हीमोफीलिया A में क्लॉटिंग फैक्टर-8 की कमी होती है, वहीं हीमोफीलिया B में क्लॉटिंग फैक्टर-9 की कमी होती है।
क्लाटिंग फैक्टर की कमी से खून का थक्का जमना बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज को क्लाटिंग फैक्टर इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।
अब दवा कैप्सूल के रूप में होती है, जिसे 7 दिन में 1 बार लेना होता है। यह रक्त में धीरे-धीरे फैक्टर छोड़ती रहती है।
चूंकि हीमोफीलिया एक आनुवंशिक बीमारी है तो पति-पत्नी को बच्चे के बाद हीमोफीलिया जांच जरूर करा लेना चाहिए।