हेपेटाइटिस सी एक वायरस है, जो खून के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और सीधे लिवर पर अटैक करता है। इस वायरस के कारण कई बीमारियां हो सकती है।
हेपेटाइटिस सी एक संक्रामक रोग है। हेपेटाइटिस कई प्रकार का होता है, जिसमें हेपेटाइटिस-C को सबसे खतरनाक माना जाता है।
हेपेटाइटिस-C की समय पर जांच और इलाज काफी चुनौतीपूर्ण है। आमतौर पर इस बीमारी की पहचान तब होती है, जब आधे से ज्यादा लिवर खराब हो जाता है।
हेपेटाइटिस-C से बचने के लिए साल में एक बार अपना ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। समय पर वायरस की पहचान होने से मरीज की जान बचाई जा सकती है।
पीलिया होना, मांसपेशियों में दर्द, थकान और चक्कर आना, बोलने में परेशानी, पैरों में खुजली, आंखों का पीला होना, पेशाब का रंग डार्क होना, भूख की कमी प्रमुख लक्षण है।
असुरक्षित संबंध बनाने, ड्रग्स का सेवन, मां से बच्चे में आना, संक्रमित व्यक्ति का सामान उपयोग करने जैसे कारणों से हेपेटाइटिस-C हो सकता है।
हेपेटाइटिस-C से बचने के लिए असुरक्षित यौन संबंध से बचना चाहिए। टैटू बनवाते समय भी सावधानी रखें। अनजान व्यक्ति की चीजों को उपयोग नहीं करें।