कोरोना का नया वेरिएंट है कितना खतरनाक, जानें


By Prakhar Pandey2023-03-22, 11:45 ISTnaidunia.com

कोविड-19

कोविड का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग जो तस्वीर बनती है वो है सड़क पर पसरे सन्नाटा के अस्पतालों में इलाज के लिए लगी भीड़ की और भी कई अन्य चीजों की। आज हम जानेंगे कोविड के नए वेरिएंट के बारे में।

एक्टिव केस

देश में कोविड के मामले में फिर एक बार तेजी पकड़ रहे हैं। इस समय भारत में कुल एक्टिव केसों की संख्या साढ़े 6 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी हैं।

नया वेरिएंट

बढ़े रहे कोरोना केस की वजह नया वेरिएंट XBB 1.16 हैं जो कि कोविड के ओमीक्रॉन के पुनर्संयोजन XBB वेरिएंट के परिवार का वंशज हैं। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के मुताबिक अब तक इस वेरिएंट के 76 केस मिले।

XBB 1.16

इस वेरिएंट का ट्रांसमिशन XBB.1.5 के मुकाबले 140% की तेजी से फैलता हैं, जिसकी वजह से यह काफी अधिक घातक माना जा रहा हैं।

म्यूटेशन

XBB.1.16 में K478R, E180V, और S486P जैसे तीन और स्पाइक म्यूटेशन इस वेरिएंट में पाए जाते हैं, जिन्हें हाल ही में ब्रीफिंग के द्वारा पहचाना गया था।

इम्यूनिटी

एक्सपर्ट्स की माने तो ये वेरिएंट पुराने आ चुके XBB.1.5, BQs,BA.2.75, BA.5 वेरिएंट की तरफ अगर भारत के लोगों की इम्यूनिटी पर हावी हुआ तो पूरी दुनिया को इसे गंभीरता से लेना होगा।

किन लोगों के लिए हैं बेहद खतरनाक

सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक 8 तरह के ऐसे लोग हैं जिन पर कोविड का खतरा ज्यादा हैं, ऐसे लोग जिन्हें पूर्व से ही हेल्थ समस्याएं है वे इसका शिकार होंगे। जबकि जो इन खतरों से बाहर हैं वो जल्द ठीक होंगे।

तेजी से फैल रहा वेरिएंट

यह वेरिएंट भारत के अलावा अमेरिका, ब्रुनेई, सिंगापुर, चीन और यूके समेत कुल 12 देशों में पाया गया हैं। विश्व स्तर पर XBB.1.16 वेरिएंट को लेकर काफी चिंताएं जाहिर की जा रही हैं।

दवाओं का उपयोग

नई सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग तब तक नहीं करना हैं जब तक इंफेक्शन का क्लिनिकल संदेह न हों।

न लें ये मेडिकल चीजें

सरकारी गाइडलाइन में स्वास्थ्य लाभ करने वाला प्लाज्मा, मोल्नुपिराविर, फेविपिराविर,मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन ना लेने की भी सलाह दी गई है।

हेल्थ से जुड़ी तमाम खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहे naidunia.com के साथ

सोते समय तकिए के नीचे रखें ये चीजें, फिर देखें जीवन में चमत्कार