हिंदू धर्म में पूजा पाठ का काफी ज्यादा महत्व होता है। इस धर्म में त्रिकाल संध्या करने की परंपरा है, जो वर्षों से चली आ रही है।
उपयोगी जब दिन ढलता है तो यह समय पूजा के लिए उपयोगी माना जाता है। माना जाता है कि संध्या के समय पशु और पक्षी अपने घरों में लौट जाते हैं।
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती भी इस समय धरती पर विचरण करते हैं। इसलिए भी हमें संध्या पूजा करनी चाहिए।
शाम के समय भी पूजा करने के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। आइए उनके बारे में जानते हैं।
पूजा में फूल चढ़ाना बेहद शुभ होता है। लेकिन शाम के समय में फूल को गलती से भी न तोड़ें। शास्त्रों के मुताबिक यह अशुभ माना गया है।
पूजा में फूल चढ़ाना बेहद शुभ होता है। लेकिन शाम के समय में फूल को गलती से भी न तोड़ें। शास्त्रों के मुताबिक यह अशुभ माना गया है।
सुबह की पूजा में लोग शंख या घंटी बजाते हैं लेकिन यह गलती शाम में न करें। ऐसी मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद देवी देवता सोने चले जाते हैं।
सुबह के समय सूर्यदेव की पूजा की जाती है, लेकिन शाम को सूर्य ढलने के बाद पूजा करना शुभ नहीं माना गया है। ऐसी गलती न करें।
लोग पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करते हैं लेकिन शाम की पूजा के समय गलती से भी तुलसी की पत्तियों को न तोड़ें।