शिलाजीत एक गाढ़ा भूरा रंग का चिपचिपा पदार्थ है, जो हिमालय की चट्टानों से निकलता है। इससे कई दवाइयां भी तैयार की जाती हैं।
शिलाजीत का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है, जिससे कई तरह की दवाएं बनती है। यह इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर स्टेमिना बढ़ाने तक में सहायक है।
शिलाजीत को बनने में कई साल लगते हैं। इसे निकलना भी काफी मुश्किल होता है। जिसके कारण यह काफी ज्यादा महंगा आता है। इसी कारण मार्केट में नकली शिलाजीत भी बिकने लगे हैं।
असली शिलाजीत को जब आप जलाते हैं, तो यह पूरी तरह नहीं जलता, बल्कि सिर्फ गाढ़ा हो जाता है। वहीं नकली वाला जलकर राख हो जाता है।
असली शिलाजीत को जलाने पर ऐसी गंध आती है, जैसे किसी इंसान को जलाया गया हो, वहीं नकली से गुड़ जलाने की गंध आती है।
असली शिलाजीत को जब आप अल्कोहल में डालते हैं, तो यह पूरी तरह नहीं घुलता, जबकि नकली अल्कोहल में घुल जाता है।
शिलाजीत की पहचान करने के लिए आप उसे ठंड पानी में डाले। इससे असली वाला सख्त हो जाता है, जबकि नकली तार की तरह बन जाता है। इसे घुलने में समय लगता है।
शिलाजीत की पहचान करने में उसकी बनावट आपकी मदद कर सकती है। असली शिलाजीत नरम, चिपचिपा और मोम जैसा होता है। वहीं, नकली वाला कठोर होता है और मोम जैसी गुणवत्ता नहीं होती।
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