आज कल के लाइफस्टाइल के हिसाब से यूरिक एसिड की समस्या एक आम बात है। कम उम्र के लोग भी इस बीमारी से काफी ज्यादा ग्रसित हैं।
यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है जो प्यूरिन नामक रसायन के टूटने पर बनता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार एक हेल्दी बॉडी में 3.5 से 7.2 किलोग्राम प्रति डेसीलीटर यूरिक एसिड की मात्रा होनी चाहिए।
बॉडी में इससे ज्यादा यूरिक एसिड होने पर ये जोड़ों में क्रिस्टल बनकर जमने लगता है। इससे हड्डियों के बीच में गैप हो जाता है और हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं।
हाई यूरिक एसिड के चलते व्यक्ति को जोड़ों में तेज दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याएं घेर लेती हैं। इसके अलावा इसके बढ़ने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायराइड जैसी समस्या हो जाती है।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लिए प्यूरीन जिम्मेदार होता है, ऐसे में प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थ से दूरी बना लें। खासकर मीट, सीफूड, गोभी, मशरूम आदि खाने से बचें।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लिए प्यूरीन जिम्मेदार होता है, ऐसे में प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थ से दूरी बना लें। खासकर मीट, सीफूड, गोभी, मशरूम आदि खाने से बचें।
फाइबर से भरपूर चीजें मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती हैं, जिसके चलते प्यूरीन का पाचन भी तेज हो जाता है और फिर ये अपशिष्ट उत्पाद किडनी से फिल्टर होकर मल मूत्र के जरिए बाहर आ जाता है।
हेल्थ एक्सपर्ट यह बताते हैं कि विटामिन सी खून में यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है। जिससे आपको जोड़ों के दर्द, ऐंठन, सूजन आदि से राहत मिलती है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।