ओवरथिंकिंग यानि किसी विषय के बारे में हद से या जरूरत से ज्यादा सोचना। क्या आपको पता हैं ओवरथिंकिंग के कई नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं कि इससे कैसे बचे।
ओवरथिंकिंग की परेशानी जब तेजी से बढ़ जाए या बढ़ने लगे तो उसे मानसिक बीमारी की लिस्ट में रखा जाता हैं। किसी भी छोटी-सी या बड़ी-सी बात को अधिक समय तक सोचते रहने को ओवरथिंकिंग कहते हैं।
इससे बचने के लिए आप आँखे बंद कर, तेज गहरी सांस लें और उसे अंदर-बाहर छोड़े, ऐसा 4-5 मिनट करने से आपका स्ट्रेस रिलीज होगा और आपको काफी शांत और रिलैक्स महसूस होगा।
अगर आप ओवरथिंकिंग के शिकार हैं तो अकेले न रहें बल्कि कोशिश करें कि ऐसी हालत में आप ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार और दोस्तो के साथ बिताए और उनसे अपनी परेशानी को साझा करें।
अगर जाने-अनजाने में आप से कोई गलती हो गई हैं जिसके लिए आपको बहुत पछतावा हो रहा हैं तो उस गलती के लिए खुद को माफ करे और ये सोचे कि ऐसा किसी से भी हो सकता था।
खुद के द्वारा की गलती के लिए खुद को माफ करें और अपनी घबराहट, डर से होने वाली ओवरथिंकिंग से जूझने के बजाय उनसे बचें और अपने भविष्य के बारे में सोचे।
मन में डर, घबराहट होने की स्थिति में योग (Meditation) करें, यह करने से आप रिलैक्स महसूस करेंगे। योग के लिए रोज के 5 मिनट भी आपको काफी आराम पहुंचाएंगे।
मन अशांत होने की स्थिति में अपना पसंदीदा काम करें और कुछ नयी स्किल सीखें, वर्कआउट क्लास में जाएं। वो सब कुछ करें(गलत चीजों को छोड़ के) जो आपको पसंद हो और जिसमें आप खुशी महसूस करते हैं।
यदि इन सब के बावजूद आपकी परेशानी बनी हुई हैं तो काउंसलर से संपर्क करें। दी हुई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी समझें तो अवश्य ले लें।