पूजा-पाठ को लेकर हिंदू धर्म में कई नियम है, जिसका सभी को पालन करना पड़ता है। उन्हीं में से एक पति-पत्नी के बैठने को लेकर भी है।
हिंदू धर्म में दिशाओं का काफी महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार पत्नी अपने पति के बाईं तरफ ही बैठती है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक स्त्रियों की उत्पत्ति भगवान शिव के बाएं अंग से हुई है और माता पार्वती का स्थान भी उनके बाईं तरफ ही है।
धार्मिक कार्यक्रमों में पत्नी को हमेशा पति के दाहिनी ओर ही बैठना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यदि पत्नी इसके विपरीत दिशा में बैठती है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
अब सवाल आता है कि आखिर पत्नी बाईं ओर क्यों नहीं बैठती है। मान्यताओं के अनुसार बाईं तरफ हृदय का स्थान होता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा में इस दिशा में बैठने पर ध्यान केंद्रित रहता है और पूजा सफल होती है।
पत्नियों को इस दिशा में बैठने पर पति का काफी प्यार प्राप्त होता है और सदैव पति के दिलों पर राज करती हैं।