भारत में करीब-करीब हर घर में चाय पीने के शौकीन लोग होते हैं। विशेषकर सर्दी व बरसात के मौसम में चाय की एक प्याली काफी सुकून देती है।
हालांकि, चाय पीने के कई साइड इफेक्ट भी होते हैं और इसके दुष्प्रभाव तब और अधिक बढ़ जाते हैं, जब प्लास्टिक की चाय छन्नी का उपयोग किया जाता है।
जब गर्म चाय को प्लास्टिक की छन्नी से छानते हैं तो प्लास्टिक के कुछ महीन कण चाय में मिक्स हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी घातक हो सकते हैं।
लंबे समय तक प्लास्टिक की छन्नी से चाय पीने से शरीर में कई तरह के माइक्रोप्लास्टिक जमा हो सकते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
शरीर में माइक्रोप्लास्टिक बढ़ने से किडनी डैमेज होने का खतरा रहता है। किडनी के फिल्टर करने की क्षमता कम होने लगती है।
प्लास्टिक में मेट्रोसेमिन और बिस्फेनॉल जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जिससे शरीर में कैंसर का खतरा बन सकते हैं।
स्वस्थ डिलीवरी के लिए भी महिलाओं को प्लास्टिक की चीजों से दूरी बनाकर रखें। इससे भी गर्भ में शिशु को भी नुकसान पहुंच सकता है।
पुरुषों में नपुंसकता, पाचन संबंधी परेशानियां बढ़ सकती है। जिन खाद्य सामग्री को प्लास्टिक चीजों में पैक किया जाता है, उनका सेवन करने से बचना चाहिए।