मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर वास्तुकला और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को 14 रंगों से सजाया गया है।
अद्भुत इंजीनियरिंग के लिए पहचाना जाने वाला बृहदेश्वर मंदिर विश्व धरोहर में शामिल है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस मंदिर का निर्माण चोल राजवंश ने कराया था।
रामेश्वरम द्वीप पर स्थित रामनाथस्वामी मंदिर हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर में दुनिया का सबसे लंबा अद्भुत स्तंभों का गलियारा है।
तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एकाम्बरेश्वर मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पंच भूत स्थलों में से एक पृथ्वी तत्व का प्रतीक है।
कावेरी नदी के द्वीप पर स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर में सुंदर मूर्तियां, गोपुरम स्थल और 21 शानदार स्तंभ मंदिर को भव्य बना देते हैं।
कैलाशनाथ मंदिर का वास्तुशिल्प चमत्कार माना जाता है। इस मंदिर में अद्भुत नक्काशी देखने को मिलती है। यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है।
चिदंबरम नटराज मंदिर में भगवान शिव को नर्तक रूप में पूजा जाता है। इस ऐतिहासिक मंदिर में भगवान शिव को ‘चिदंबरा रहस्यम’ के नाम से जाना जाता है।
थिल्लई नटराज मंदिर का निर्माण चोल वास्तुकला और विजयनगर शैली में किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।