शनिदेव की कृपा न होने पर या साढ़ेसाती चलने पर व्यक्ति को भिन्न-भिन्न की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताएंगे शनि की साढ़े साती का शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
शनि की साढ़े साती का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। शनि की साढ़े साती शुरू होना जातक के लिए शुभ संकेत नहीं माना जाता हैं।
शनि की साढ़ेसाती चलने पर व्यक्ति के कठिन और कष्टकारी दिन शुरू हो जाते है। जिन भी राशियों पर शनि का प्रकोप बरसता है वह राशियां एक समय तक के लिए परेशान रहती है।
शनि की साढ़े साती होने पर व्यक्ति को अपनी पढ़ाई को अधिक गंभीरता से लेने लगता है। साढ़े साती होने पर जातक को ढ़ढ संकल्प और अधिक ध्यान बनने लगता है।
शनि की साढ़े साती होने के समय छात्र कठिन परिस्थितियों में लड़ना सीखने और गलतियों से सीखने में मदद मिलती है। कठिन परिस्थितियां परिश्रमी छात्रों को और मजबूत बनाता है।
शनि की साढ़े साती होने की स्थिति में सफलता भी काफी देरी से मिलती है। साथ ही आपके रास्ते में भी आपके कार्य से जुड़ी रुकावटों का सामना भी करना पड़ता है।
साढ़े साती पड़ने पर गोल को प्राप्त करने में काफी परेशानियां आती है। हालांकि लगातार लंबे समय तक अपने लक्ष्य के प्रति वफादारी से मेहनत करते रहने से सफलता जरूर मिलती हैं।
ऐसी मान्यता हैं कि शनिदेव लोगों को उनके कर्म के हिसाब से फल देते है। शनि की साढ़े साती आपके कुंडली में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक हैं।