Chambal Safari: डाल्फिन देखना है तो चंबल सफारी में आइए


By Anil Tomar23, May 2023 12:01 PMnaidunia.com

ये हैं आकर्षण

चंबल सफारी के दो प्रमुख आकर्षण हैं। एक तो डाल्फिन मछली है। साथ ही दूसरे घडि़याल हैं। हालांकि इसमें विलुप्त प्रजाति के कछुए और मगरमच्छ भी हैं। ये सभी आपके आकर्षण का केंद्र हो सकते हैं।

435 किमी में 96 डाल्फिन

चंबल मध्यप्रदेश में 435 किमी क्षेत्र में गुजरती है। भारतीय वन्यजीव संस्थान की जनगणना के मुताबिक नदी में 435 किलोमीटर लंबे अभयारण्य में 96 डॉल्फ़िन हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 71 था।

इसलिए दिख जाती है डाल्फिन

यूं तो डाल्फिन मछली गहरे पानी में रहना पसंद करती है। लेकिन यह सांस लेने के लिए थोड़ी थोड़ी देर में पानी से ऊपर आती है। ऐसे में चंबल की डाल्फिन को आसानी से देखा जा सकता है।

देख नहीं सकती डाल्फिन

चंबल में गैंगेटिक प्रजापति की डाल्फिन पाई जाती है। चंबल में पाई जाने वाली डाल्फिन देख नहीं सकती है। लेकिन इसकी सूंघने की क्षमता बड़ी तीव्र होती है। यह मीठे पानी ही निवास करती है।

मगरमच्छ नहीं कर पाता शिकार

चंबल में रहने वाली डाल्फिन का शिकार इसमें रहने वाले मगरमच्छ नहीं कर पाते। इसकी वजह इसका बड़ा होना और तैरने की गति तेज होना है। ऐसे में मगरमच्छों से यह बच जाती है।

डाल्फिन को नुकसान पहुंचाने पर सजा

डॉल्फिन वन्य जीव अधिनियम की अनुसूची-1 की प्रजाति है, जिसे अत्यधिक संकटग्रस्त माना जाता है और इसका शिकार करने वाले को सात साल की कैद और 50,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

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