केदारनाथ मंदिर 6 फीट ऊंचे चकोर चबूतरे में बना हुआ है। भक्त भगवान शिव के दर्शन दूर से ही कर सकते हैं।
कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर 400 वर्षों तक बर्फ में दबा रहा था।
केदारनाथ में जब 2013 में भीषण बाढ़ ने तबाही मचाई थी। तब भी मंदिर को कुछ नुकसान नहीं हुआ।
केदारनाथ मंदिर कितने साल पुराना है। इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। मैसूर के जंगम ब्राह्मण भी यहां पूजा कर सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए मई में अक्षय तृतीया के दिन खोला जाता है। गोवर्धन पूजा में इसे बंद कर दिया जाता है।
केदारनाथ मंदिर से आधा किमी दूरी पर भैरवनाथ का मंदिर है। जिनके दर्शन करें बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है।
आदि शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के पीछे स्थित है। केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग त्रिकोणीय है।