रामायण में रावण के अत्याचार और श्रीराम के न्याय की कहानी है। वहीं कृष्ण लीला में श्री कृष्ण ने कंस का वध करके उसके अत्याचार से ब्रज वासियों को छुटकारा दिलाया था।
श्रीरामचरितमानस में लंकापति रावण के अत्याचारों की कहानी और श्रीराम की विजय गाथा लिखी गई है। इस कहानी में रावण के अंत की वजह सीता मां का हरण था।
महाराज दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र अयोध्या के राजा श्रीराम का परिचय उनकी त्याग भावना है।
श्रीरामचरितमानस में भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता के लिए लंकापति रावण का विनाश कर दिया था। रावण की मृत्यु के बाद श्रीराम ने लंका का राज-पाठ विभीषण को दिया था।
देवकी के भाई कंस के अत्याचार से समस्त ब्रजवासी परेशान थे। इसके अलावा कंस को श्राप था कि उनकी हत्या देवकी के पुत्र के हाथों होगी। इसी के चलते कंस ने देवकी के श्री कृष्ण से पहले सभी पुत्रों को मार दिया था।
वासुदेव के पुत्र श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों की भलाई के लिए कई सारे अच्छे कार्य किए था। श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था।
रावण त्रेता युग और कंस द्वापर युग में जन्में थे। ऐसे में दोनों के बीच किसी भी प्रकार का संबंध होना नामुमकिन है। हालांकि, दोनों में यह समानता थी कि वह दोनों ही अत्याचारी थे।
रावण और कंस को मारने वाले दोनों ही भगवान श्री विष्णु का अवतार थे। भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर में कंस और प्रभु श्रीराम ने त्रेता युग में रावण का वध किया था।