बेहद खास हैं भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा


By Prakhar Pandey24, Jun 2023 12:22 PMnaidunia.com

ओडिशा

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर साल आषाढ़ माह में रथ यात्रा निकाली जाती है। आइए जानते हैं क्यों खास है भगवान जगन्नाथ की यात्रा?

रथ यात्रा

पुरी में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दुनिया भर में अपने भव्यता के लिए जानी जाती है। पूरे साल भक्त रथ यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते है।

धरती का बैकुंठ

पुराणों में जगन्नाथ मंदिर को धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है। भगवान जगन्नाथ धाम को प्रसिद्ध चार धामों में भी एक गिना जाता है।

पुरुषोत्तम क्षेत्र

भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में पुरुषोत्तम क्षेत्र महात्म्य में किया गया है। हर साल यहां निकलने वाली रथयात्रा का उल्लेख ब्रह्मपुराण समेत अन्य पुराणों में भी मिलता है।

रथ

भगवान जगन्नाथ की इस यात्रा का रथ करीब 45 फीट ऊंचा होता हैं जिसमें 16 पहिये लगे होते है। रथ को बनाने में नीम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।

पवित्रता

रथों की यात्रा जिस रास्ते पर निकाली जाती है सबसे पहले उसकी सफाई की जाती है। यात्रा शुरू करने से पहले यात्रा के लिए तैयार तीनों रथों की पूजा की जाती है।

तीन रथ

रथ यात्रा के लिए बनाए जाने वाले तीन रथों में एक रथ भगवान जगन्नाथ, दूसरा बहन सुभद्रा और तीसरा भाई बलभद्र के लिए बनाया जाता है। 

शाही स्नान

रथयात्रा से 15 दिन पहले जगन्नाथ जी को शाही स्नान कराया जाता है। इसके बाद वो अस्वस्थ हो जाते और विशेष कक्ष में आराम करने के दो हफ्ते बाद स्वस्थ होकर आते है और भक्तों को दर्शन देते है।

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