किसी भी शुभ कार्य पर रक्षा सूत्र, मौली या कलावा हाथों में बांधा जाता है। मान्यता है इससे कार्य में सफलता मिलती है और बुरे लोग दूर रहते हैं।
कलाई में मौली धागा बांधे बिना कोई भी धार्मिक अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। इसे कलाई में बंधवाते समय मुट्ठी बंद और सिर पर हाथ रखना चाहिए।
कलावा लाल के अलावा हरे या पीले रंग का भी होता है। हालांकि लाल रंग के रक्षा सूत्र को अन्य रंगों की अपेक्षा अधिक शुभ माना जाता है।
तीन रंग का कलावा सबसे अधिक शुभ होता है। तीन रंगों को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक मानकर हाथों में बांधा जाता है।
पुरुषों और अविवाहित स्त्रियों को सीधे हाथ और विवाहित महिलाओं को हमेशा उल्टे हाथ में कलावा बांधा जाता है।