हर प्रकार का फल देता हैं कर्म का सिद्धांत


By Prakhar Pandey17, Jul 2023 03:05 PMnaidunia.com

सिद्धांत

कर्म का सिद्धांत है कि आप जिसके भी साथ अच्छा या बुरा करते है आगे चलकर आपको उसके लिए फल तो मिलता ही है। आइए जानते हैं कर्म का सिद्धांत।

कर्म

कर्म का नियम बेहद कठोर होता है। अच्छें कर्म जहां व्यक्ति को प्रगित की ओर ले जाते हैं, वहीं बुरे कर्म व्यकित को विनाश को ओर ले जाते है।

ग्रंथों

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हर इंसान को अपने सभी अच्छे और बुरे कर्मों फल अवश्य भोगना पड़ता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने काम का लेखा-जोखा अवश्य रखें।

रामचारित मानस

गोस्वामी तुलसीद्वारा रचित रामचरित मानस में भी यह लिखा हैं कि जो जैसा कर्म करता है, उसे वैसे ही फल भुगतने पड़ते है।

श्रीमदभागवत गीता

भगवान कृष्ण ने भी गीता में कर्म की प्रधानता पर बल दिया है। श्रीकृष्ण के मुताबिक इस जन्म में व्यक्ति की यात्रा जहां से छूटती है, अगले जन्म में वही से प्रारंभी होती है।

प्रकृति का नियम

प्रकृित के नियम का पालन करने वाला व्यक्ति परमात्मा के करीब होता है। लेकिन परमात्मा भी जब मनुष्य के रुप में अवतरित होता हैं तो उसे भी सभी नियमों का पालन करना होता है।

कर्मफल

कर्मफल कर्म करने वाले को ही मिलता है साथ ही इसका प्रभाव परिणाम, लाभ, हाानि, यश, अपयश आदि समाज, राष्ट्र व समाष्टि को प्राप्त होता है।

वक्त

कर्म के बगैर व्यक्ति एक क्षण भी नही रह सकता है। कर्म करना हमारे हाथ में होता लेकिन उसका फल नहीं। अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं तो अपने कर्मों के प्रति तुरंत सजग हो जाएं।

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