हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पापों से मनुष्य को मुक्ति मिलती है।
इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
इस बार गंगा स्नान यानी कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर गंगा में डुबकी लगाते हैं जिससे वो पापों से छुटकारा पाते हैं।
इस दिन यदि व्यक्ति गंगा स्नान के बाद पूजा करता है तो भगवान उसके सारे दुख हर लेते हैं। इतना ही नहीं इस दिन कुछ उपायों को करना भी शुभ होता है।
इस दिन यानी गंगा स्नान के दिन यदि कोई व्यक्ति व्रत रखता है तो उसे हजारों अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ करने के योग बनते हैं।
इस दिन यानी गंगा स्नान के दिन यदि कोई व्यक्ति व्रत रखता है तो उसे हजारों अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ करने के योग बनते हैं।
गंगा स्नान के दिन व्यक्ति सुबह उठकर स्नान करके यदि भगवान सूर्य को जल में चावल और फूल डालकर अर्पित करता है तो उसे कई लाभ मिलते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा यानी गंगा स्नान के दिन जरूरतमंद लोगों को सरसों का तेल, तिल और काले वस्त्र दान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
गंगा स्नान की शाम को कोई व्यक्ति अगर तुलसी के पौधे के पास दीप प्रज्वलित करता है तो उसे धन की प्राप्ति होती है।