कार्तिक माह पूरी तरीके से भगवान को समर्पित होता है। आइए जानते है 27 नवंबर को होगा कार्तिक मास की समाप्ति के साथ ही अंतिम 2 दिन किस उपाय से मिलेगा अपार पुण्य?
27 नवंबर को कार्तिक माह का समापन होता हैं। यह मास पूरे 30 दिन का होता है, इस दौरान स्नान और व्रत का पालन करने वाले जातकों को इस माह का संपूर्ण लाभ मिलता हैं।
देवउठनी एकादशी के बाद द्वादशी, त्रयोदशी, बैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा इस माह का खास दिन और पर्व होता है। कार्तिक माह के इन दिनों पर स्नान-दान, दीपक जलाने से अपार पुण्य और देव कृपा की प्राप्ति होती है।
त्रयोदशी पूजन के लिए सुबह प्रदोष काल में स्नान करना चाहिए। 32 दीपक प्रज्वलित कर भोलो बाबा का पंचाक्षर स्त्रोत से अभिषेक और मौन व्रत धारण करने से मां-गौरी प्रसन्न होती है।
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष पर बैकुंठ चतुर्दशी में अरुणोदय काल में भगवान विश्वनाथ की पूजा करें। इस दिन हरि-हर का मिलन होता है।
कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन भगवान कार्तिकेय का दर्शन करने के पश्चात प्रदोष काल में दीपदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विष्णु जी देवशयनी एकादशी तक देवउठनी एकादशी क्षीर सागर में विश्राम करते है। इस दौरान सृष्टि का देखभाल भगवान शिव जी करते है।
भोलेनाथ बैंकुठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु को वापस कार्यभार सौंपते है। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए 26 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी पर यह लीला होती है। इस मौके पर हरि हर का मिलन होता है।