सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दिन दान, स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने का बहुत बड़ा महत्व है।
कार्तिक पूर्णिमा शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसी लिए इस दिन को त्रिपुरा पूर्णिमा भी कहते हैं।
त्रिपुरा पूर्णिमा के अलावा इस दिन को गंगा स्नान और देव दीपावली के नाम से भी जानते हैं। यह कई मायनों में महत्वपूर्ण होता है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगी, वहीं 27 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा।
इसलिए यह पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को ही पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
इसलिए यह पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को ही पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने घर की सफाई अच्छे से करें। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करना कदापी न भूलें।
इस दिन दान देना भी काफी शुभ माना जाता है। चावल, चीनी और दूध का दान अवश्य करें। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान करना भी शुभ होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के अलावा भूल से भी तुलसी के पत्ते को न तोड़ें। इस दिन हरी सब्जियां भी नहीं खानी चाहिए। नॉनवेज फूड से भी दूर रहें।