कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस बार 13 अक्टूबर को करवा चौथ है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं।
करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 15 मिनट तक है। चंद्रमा के दर्शन रात 08 बजकर 19 मिनट पर होंगे।
महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद ही पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करती हैं। कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर के लिए व्रत रखती हैं।
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद तक सोना अशुभ माना गया है। ऐसी करने वाली महिलाओं को व्रत का फल नहीं मिलता है। वहीं जहां तक संभव हो दिन में न सोएं।
सुहाग का हर सामान महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यदि सिंदूर जैसी कोई चीज नहीं है तो बाजार से खरीदकर लाएं। किसी से उधार न मांगे।
वैसे तो हर शुभ दिन दान का महत्व है, लेकिन ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन सफदे रंग की चीजें और सफेद मिठाई का दान न करें।
इस दिन महिलाएं धारदार चीजों को हाथ न लगाएं। सिलाई-कढ़ाई न करें। कैंची का उपयोग करने सभी बचें। इनका इस्तेमाल अपशगुन माना गया है।