सुहागिन महिलाएं आज यानी 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
करवा चौथ के त्योहार को पति-पत्नी के बीच अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है। करवा माता की विधि-विधान से पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत के नियमों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होती है।
व्रत शुरू करने के लिए सूर्योदय से पहले महिलाएं सुबह के समय 4-5 बजे उठकर सरगी खाती हैं। सरगी में गलती से भी मसाले वाली चीजों का सेवन नहीं किया जाता है।
करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है कि पूजा का सही समय जान लें। मान्यता के मुताबिक शुभ मुहूर्त में पूजा करने से ही व्रत का फल मिलता है।
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.36 बजे से लेकर शाम 6.54 बजे तक रहने वाला है। व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दौरान ही पूजा कर लेनी चाहिए।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय 8 बजकर 15 मिनट बताया जा रहा है। चांद के निकलने के बाद पूजा करना भी इस व्रत का अहम हिस्सा है।
करवा चौथ के दिन शुभ योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का फायदा कुछ राशि के जातकों को सबसे ज्यादा मिलेगा।