गर्भावस्था में शरीर में पानी की कमी न होने दें। अपने डाक्टर की सलाह से पानी के अलावा नारियल पानी, जूस इत्यादि का सेवन बढ़ा दें।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या कुछ महिलाओं में बढ़ जाती है। अत: दिन में थोड़ेथोड़े अंतराल पर फाइबर फूड का सेवन करती रहें। मैटाबोलिक रेट सही रहेगा तो कब्ज की समस्या नहीं होगी।
ओटीसी यानी ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन अपने अनुसार न करें क्योंकि गर्भावस्था में शरीर बदलावों से गुजर रहा होता है। ऐसे में आप की एक गलती आप के साथसाथ आने वाले बच्चे की जान भी जोखिम में डाल सकती है।
ज्यादा कैफीन के साथसाथ नशीली चीजों से भी दूरी बना लें। नशीली चीजों के सेवन से बच्चे के मानसिक विकास पर गहरा असर पड़ता है। कई बार गर्भपात की समस्या भी हो जाती है।
कच्चा पपीता, आधा पका अंडा, अंकुरित अनाज और कच्चा मांस बिलकुल न खाएं। ऐसा करने से बच्चे के विकास में खतरा पैदा हो सकता है। फिश से भी दूरी बना लें।
नौर्मल डिलिवरी की चाह है तो डाक्टर की सलाह से किसी ऐक्सपर्ट की निगरानी में व्यायाम करें। रोजमर्रा के कुछ काम खुद करने की कोशिश करें। टहलना अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।
कीगल व्यायाम कर सकती हैं। ऐक्सपर्ट की सलाह से यह व्यायाम उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है जिन्हें यूटीआई की समस्या है। यह व्यायाम यूरिन फ्लो कंट्रोल करने में मदद करता है।