वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में ईशान कोण में मंदिर व शिवलिंग होना चाहिए। अन्य दिशा में नहीं होना चाहिए। ईशानकोण में शिव लिंग स्थापित करने पर सकात्मक ऊर्जा अधिक निकलती है।
घर के मंदिर में शिवलिंग यदि स्थापित कर रहे हैं तो उसका साइज अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए। बड़े शिवलिंग मंदिरों में ही स्थापित किए जाते हैं।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में एक ही शिवलिंग स्थापित होना चाहिए। अधिक होते हैं तो उनकी ऊर्जा एक साथ निकलती है और वह एक दूसरे को काटती है। ऐसे में नुकसान होने की संभावना रहती है।
यदि घर में शिवलिंग स्थापित कर रहे हैं तो उसकी रोजाना पूजा होना चाहिए और जलाभिषेक होना चाहिए। यदि संभव हो तो गाय के दूध से अभिषेक करें। इससे अधिक लाभ होता है।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक मंदिर में शिवलिंग के पास शंख न रखें और न ही शंख से जल चढ़ाएं। इससे शिवजी नाराज हो सकते हैं।
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं और न ही पेड़ पास में हो। शास्त्रों के मुताबिक तुलसी ने शिवजी को श्राप दिया था। इसलिए ऐसा करने पर भगवान शिव नाराज हो सकते है।
शिवलिंग पर केतकी के फूल न चढ़ाएं। शिवजी ने इन फूलों से पूजा काे वर्जित किया है। इसलिए केतकी के फूल को शिवजी की पूजा में उपयोग में न लाएं।