सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
वास्तु जानकारों की मानें तो खाना खाते समय भी वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। इससे घर में सुख, शांति और धन का सदैव आगमन होता है।
वास्तु के अनुसार, खाना खाते समय मुंह पूर्व या उत्तर की दिशा में रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में मुख करके भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा पितरों का होता है।
खाना खाते समय भोजन की थाली को कभी जमीन पर न रखें। खुद भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए। इसके लिए आसन बिछाकर बैठना चाहिए। थाली को पाटे पर रखकर भोजन करना चाहिए।
वास्तु जानकारों की मानें तो टूटे या गंदे बर्तन में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से दुर्भाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही घर में परेशानी आती है।
वास्तु शास्त में निहित है कि खाना परोसते समय थाली को एक हाथ से पकड़कर नहीं रखना चाहिए। हमेशा दोनों हाथों से थाली को पकड़ें। इससे परिवार में प्रेम और स्नेह बढ़ता है।
वास्तु जानकारों की मानें तो बिस्तर पर बैठकर कभी भी भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में ऐसा करना शुभ नहीं होता है। इससे व्यक्ति के मन में नकारात्मकता बढ़ती है।