सूर्य का जब एक स्थान से दूसरे स्थान में गोचर होता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति तिथि और समय को महत्व दिया जाता है।
सूर्य का चाल हर महीने बदल जाता है। सूर्य के हर महीने राशि परिवर्तन करने की प्रक्रिया को संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
संक्रांति के दिन पितृ दान, धर्म और स्नान करने का काफी महत्व होता है। इस दिन को शास्त्रों के अनुसार शुभ माना गया है।
धनु संक्रांति 16 दिसंबर 2023, शनिवार को है। इस संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। जिस दिन यह शुरू होता है उसकी पहली तारीख को लोग धूमधाम से मनाते हैं।
जिस दिन सूर्य देव जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन से खरमास की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
जिस दिन सूर्य देव जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन से खरमास की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
कमजोर सूर्य जब धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तो उनके तेज प्रभाव से धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति देव का प्रभाव काफी कमजोर हो जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर को सूर्य देव शाम 3 बजकर 58 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए खरमास की शुरुआत हो जाएगी।
खरमास के दौरान कुंडली में सूर्य का प्रभाव प्रबल रहता है, इस दौरान सूर्य देव की विशेष रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए।