मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडू में पाई जाने वाली खुरासानी इमली को मांडू की इमली के नाम से भी जाना जाता है। अपने स्वाद और आकार को लेकर मशहूर इस इमली में कई औषधीय गुण हैं।
खुरासानी इमली पेट में कृमि, पेचिश, कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती हैं, इसके साथ ही यह दिल और लिवर की बीमारी दूर करती है।
15वीं शताब्दी में अफगानिस्तान के खुरासान के सुल्हान ने अलाउद्दीन खिलजी को इसके पौधे दिए थे, तबसे इसका नाम खुरासानी इमली पड़ा।
खुरासानी इमली मांडू और आस-पास के इलाकों में ही पाई जाती है, इसलिए लोग इसे मांडू की इमली के नाम से भी जानते हैं।
मांडू के इलाके में इसके 75 से 100 पेड़ ही बचे हैं, इसके वृक्ष दिखने में बड़े डरावने हैं, इसलिए लोग इसे भूतिया वृक्ष भी कहते हैं।
मांडू घूमने आने वाले पर्यटक यहां खुरासानी इमली का स्वाद चखने के साथ इसे याद के तौर पर साथ ले जाते हैं।