आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को कई बीमारियों का हल माना जाता है। इसकी पत्तियों का कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है।
ये पेट की पथरी को भी कम कर सकता है। इसका ड्यूरेटिक गुण शरीर के टॉक्सिन को पेशाब के साथ फ्लश आउट कर देता है।
पत्थरचट्टा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि शरीर में कई प्रकार के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
ये खास तौर पर जोड़ों के दर्द में बहुत फायदेमंद है। ये हड्डियों के दर्द को कम करता है और सूजन में कमी ला सकता है।
ये हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाता है। साथ ही ये जोड़ों के टिशूज को हेल्दी रखता है और इस दर्द में कमी लाता है।
जोड़ों के दर्द के लिए पत्थरचट्टा के पत्तियों को पानी में उबाल लें और फिर थोड़ा नमक मिलाकर इसका सेवन करें।
हड्डियों के दर्द और सूजन में पत्थरचट्टा को पीसकर और इसमें हल्दी मिलाकर लेप तैयार कर लें और इसे अपने जोड़ों पर लगाएं।