शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से हाइपरयूरिसीमिया नामक स्थिति हो सकती है, जो गाउट और गुर्दे की पथरी सहित कई समस्याएं पैदा करती है।
शरीर में यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने के प्राकृतिक तरीकों में सबसे कारगर है कद्दू का सेवन।
सेहत के लिए फायदेमंद कद्दू में बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी और विटामिन ई सहित भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं।
ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर में मुक्त कणों को बेअसर करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करते हैं।
कद्दू में प्यूरीन की मात्रा कम होती है, इसलिए यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कद्दू फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है, जो उचित पाचन के जरिए अतिरिक्त यूरिक एसिड को खत्म करने में मदद कर सकता है।
इसमें मौजूद विटामिन सी, गुर्दे के माध्यम से इसके उत्सर्जन को बढ़ाकर यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कद्दू में काफी पोटेशियम भी होता है। पोटेशियम द्रव संतुलन को ठीक रखने और गुर्दे की फंक्शनिंग बढ़ाने में मदद करता है।
जब शरीर प्यूरीन को तोड़ता है, तो यूरिक एसिड बनता है। इसलिए प्यूरीन से भरपूर पदार्थों जैसे रेड मीट आदि से दूर रहें।