हिंदू धर्म में पूजा-पाठ की शुरुआत बिना दीप जलाए नहीं होती। ये अग्नि और शुद्धता का प्रतीक होता है।
पुराणों के अनुसार, अखंड ज्योत को घर की नकारात्मकता खत्म करने के उद्देश्य से जलाया जाता है।
नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योत जलाने से परिवार की बाधाएं दूर होती हैं और घर में खुशहाली आती है।
अखंड ज्योत जलाते समय कुछ विशेष बातों और नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
किसी पूजा में अखंड ज्योत तब तक जलनी चाहिए, जब तक कि विसर्जन के साथ पूजा संपन्न ना हो गई हो।
अखंड ज्योत को भी सीधे जमीन पर नहीं रखें। पहले अक्षत, जौ या गेहूं के दाने रखें, फिर उसके ऊपर दीपक रखें।
घी से जलाई गई अखंड ज्योत को दाएं और तेल से जलाई गई अखंड ज्योत को बाएं तरफ रखना चाहिए।
अखंड ज्योत को लेकर ध्यान रखें कि यह बुझने ना पाए। समय-समय पर इसमें तेल या घी डालते रहें।
जहां अखंड ज्योत जली हों, उसके आसपास साफ-सफाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।