29 जून से चातुर्मास शुरु हो रहा है, जो लगभग 5 महीनों तक चलेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
चातुर्मास के कई नियम होते हैं जिसे लोग अपनी मान्यता और श्रद्धा के अनुसार निभाते हैं। आपको भी उनकी जानकारी होनी चाहिए।
इन महीनों में महिलाएं सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करती हैं। खासतौर पर श्रावण एवं कार्तिक महीने में ये सभी को करना चाहिए।
कई लोग पूरे चार महीने एक वक्त भोजन करते हैं एवं रात्रि में फलहार करते हैं। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
चातुर्मास के दौरान कई लोग प्याज, लहसुन, मांस-मछली आदि का सेवन नहीं करते। खास तौर पर श्रावण एवं कार्तिक माह में इसका पालन करना चाहिए।
इस पूरी अवधि के दौरान गीता पाठ, सुंदर कांड, भजन या रामायण पाठ किया जाना चाहिए। इससे सांसारिक बाधाएं दूर होती हैं।
चातुर्मास के दौरान दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है। अपनी क्षमता और श्रद्धा के अनुसार जरुरतमंद को अन्न, वस्त्र आदि का दान दें।