बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं, और आप भी शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का प्लान बना रहे होंगे।
केदारनाथ की यात्रा से पहले हम आपको इस पावन धाम से जुड़े कुछ धार्मिक और रोचक जानकारियां दे रहे हैं।
मान्यता है कि इस पावन धाम की खोज पांडवों ने की थी। सालों बर्फ में दबे रहने के बाद आदि शंकराचार्य ने इसका जीर्णोद्धार करवाया।
मान्यता है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के पृष्ठ भाग और नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में उनके अग्रभाग की पूजा होती है।
मान्यता के अनुसार जिस व्यक्ति की केदारनाथ धाम में मृत्यु होती है, उसे शिव कृपा से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
केदारनाथ मंदिर छह महीने तक बंद रहता है। इस दौरान मंदिर के भीतर रखा एक दिया लगातार जलता रहता है।
साल 2013 में आए जल प्रलय में एक बड़ी शिला बहकर नीचे आई और मंदिर को सुरक्षित रखा। अब उस देव शिला की भी पूजा होती है।
12 ज्योतिर्लिंग में केदारनाथ धाम और रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को यदि मानचित्र में देखा जाए तो दोनों बिल्कुल एक सीध में दिखेंगे।