जाने क्या होती है पिंक आई यानि कंजक्टिवाइटिस, कैसे करें बचाव


By Anil Tomar28, Jul 2023 12:15 PMnaidunia.com

पिंक आई को कहते हैं आंख आना

आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है ।

जानिए क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?

हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं।

क्यों होता है कंजक्टिवाइटिस

कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तुरंत उपचार जरूरी है।

वायरल कंजक्टिवाइटिस

इसके अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं। इसके अलावा हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, वैरिसेला जोस्टर वायरस और अन्य वायरस जिसमें कोरोना वायरस भी सम्मिलित है, इसका कारण बन सकते है।

संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?

अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं। जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं। अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।

वायरल कंजक्टिवाइटिस

वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। 7-8 दिनों में इसके लक्षणों में अपने आप सुधार आ जाता है। वैसे वार्म कम्प्रेस (कपड़े को हल्के गरम पानी में डुबोकर आंखों पर रखना) से लक्षणों में आराम मिलता है।

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस

बैक्टीरिया के किसी भी संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे सामान्य उपचार है। बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल से आंखें सामान्य और स्वस्थ्य होने लगती हैं।

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में बाकी लक्षणों के साथ आंखों में सूजन भी आ जाती है। इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इन्फ्लैमेटरी आई ड्रॉप्स भी दी जाती हैं।

इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए पिएं ये हेल्दी ड्रिंक्स