सप्त ऋषियों का नाम जपने से पापों से मिलती है मुक्ति
By Prashant Pandey2023-03-23, 14:56 ISTnaidunia.com
सप्त ऋषियों के नाम जाप का फल
सनातन धर्म ग्रंथों में सप्त ऋषियों का नाम जपने का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इनके नाम जपने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं सात ऋषियों के बारे में और वह मंत्र जिसके जाप से दूर होत
कश्यप ऋषि की अदिति नाम की पत्नी से देवता और दिति नाम की पत्नी से दैत्य का जन्म हुआ। कश्यप ऋषि की 17 पत्नियां थी, बाकी पत्नियों से अलग जीवों का जन्म हुआ।
ऋषि अत्रि
अत्रि ऋषि की पत्नी का नाम अनुसुइया है, भगवान दत्तात्रेय इनके पुत्र हैं। वनवास के समय भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अत्रि ऋषि के आश्रम में रुके थे।
ऋषि भारद्वाज
भारद्वाज ऋषि ने आयुर्वेद के साथ अन्य ग्रंथों की रचना की थी, द्रोणाचार्य इनके पुत्र थे।
ऋषि विश्वामित्र
ऋषि विश्वामित्र ने ही गायत्री मंत्र की रचना की थी। भगवान राम और लक्ष्मण ने इन्हीं से शिक्षा प्राप्त की थी। ऋषि विश्वामित्र ही भगवान राम और लक्ष्मण को सीता स्वयंवर में ले गए थे।
ऋषि गौतम
ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या थी, ऋषि ने श्राप देकर उन्हें पत्थर का बना दिया था। भगवान राम के आशीर्वाद से वे फिर से अपने रूप में आई थीं।
ऋषि जमदग्नि
ऋषि जमदग्नि की पत्नी रेणुका थीं इनके बेटे भगवान परशुराम हैं। परशुराम ने पिता की आज्ञा पर माता का सिर काट दिया था, फिर वरदान में वापस उनका जीवन मांग लिया। ऋषि जमदग्नि ने वापस रेणुका को जीवति कर दिया।
ऋषि वशिष्ठ
ऋषि वशिष्ठ से ही भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ने शिक्षा प्राप्त की थी।