By anil Singh Tomar2023-04-12, 14:38 ISTnaidunia.com
सिर सढ़कर बोल रहा है पैशन
ग्वालियराइट्स का एक नया शौक उभरकर सामने आया है। बड़े ही नहीं, बच्चों ने घुड़सवारी को चुनना शुरू कर दिया है। अपने इस पैशन को पूरा करने के लिए वे चोटें भी खा रहे हैं।
घुड़ सवारी बनी आमजीवन का हिस्सा
अब घुड़सवारी आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनती जा रही है। वे भी अपनों को स्टाइल दिखाने और भीड़ में चर्चा बनने के लिए घुड़सवारी सीख रहे हैं।
बड़े ही नहीं बच्चे सीख रहे
एसएएफ की सेकंड बटालियन के मैदान में विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाता है, जहां बच्चे ही नहीं बड़े भी पहुंच रहे हैं और घुड़सवारी सीख रहे हैं।
बायज से अधिक गर्ल्स में क्रेज
ग्वालियर में घुड़सवारी का माहौल तेजी से डेवलप हो रहा है। यहां बायज से अधिक सिटी गर्ल्स के बीच घुड़सवारी सीखने का क्रेज है। 60 प्रतिशत गर्ल्स और 40 प्रतिशत बायज घुड़सवारी सीख रही हैं।
सिंधिया स्कूल में चलती है कक्षाएं
सिंधिया स्कूल और लोकल स्कूलों के बच्चों के लिए घुड़सवारी की कक्षाएं चलती हैं। हर साल मई के दूसरे सप्ताह में स्कूली बच्चों के लिए कैंप ग्राउंड में ही लगाया जाता है।
दिया जाता है सीधा घोड़ा
नवोदित घुड़सवार को घुड़सवारी करने के लिए बटालियन का सबसे सीधा घोड़ा दिया जाता है। इन घोड़ों को भी ट्रेंड किया जाता है, जिससे ये इंसानी भाषा को समझ सकें।