जानें कैसे की जाती है पंचकर्म थेरेपी


By Dheeraj Bajpai10, Apr 2023 03:31 PMnaidunia.com

पंचकर्म थेरेपी

दर्द और पक्षाघात के उपचार में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति कारगर है।

वैकल्पिक चिकित्सा प्रक्रिया

मालिश (स्नेहन), हर्बल स्टीम थेरेपी (स्वेदन) और एनीमा (वस्ति) सहित पांच अलग-अलग प्रक्रियाएं शामिल हैं।

विषाक्त पदार्थों को करती है खत्म

शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करती है, जो दर्द और पक्षाघात के उपचार में योगदान कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक स्नेहन

दूसरी पद्धति में आयुर्वेदिक स्नेहन (मालिश) शामिल है जिसमें हर्बल तेलों से मालिश की जाती है।

सूजन करती है कम

परिसंचरण में सुधार कर सूजन कम करती है। दर्द कम होता है और गतिशीलता में सुधार हो सकता है।

जड़ी बूटियां भी सहायक

अश्वगंधा, गुग्गुलु और हल्दी जैसी कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां दर्द और पक्षाघात के उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं।

योग और ध्यान का अभ्यास

योग और ध्यान का अभ्यास तनाव को कम करता है। जो दर्द और (पैरालिसिस) पक्षाघात के उपचार में योगदान दे सकता है।

आहार और जीवन शैली में परिवर्तन

आहार और जीवन शैली में परिवर्तन करना भी दर्द और पक्षाघात के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।

संतुलित आहार -नियमित व्यायाम

संतुलित आहार के सेवन और नियमित व्यायाम करने से समग्र स्वास्थ्य में सुधार और दर्द कम करने में मदद मिलती है।

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